डॉक्टर्स ने कहा किडनी ट्रांसप्लांट करवाना होगा, लेकिन फिर !

नमस्कार, मेरा आशीष आहूजा है और मैं औरंगाबाद, महाराष्ट्र का रहने वाला हूँ, वैसे मूलतः मैं उत्तरप्रदेश का रहने वाला हूँ। कुछ साल पहले मेरी किडनी शुगर की वजह से खराब हो रही थी। जब मेरी किडनी खराब हुई तो मुझे उस दौरान बहुत सी शारीरिक समस्याएँ रहने लगी, जिसकी वजह से मैं खुद तो काफी परेशान था ही साथ में घर वाले भी काफी परेशान थे। मैंने अपनी किडनी को ठीक करने के लिए डॉक्टर की सलाह मानते हुए कई महीनों तक डायलिसिस भी करवाया था, पर उससे भी मुझे कोई फायदा नहीं मिला उल्टा हालत और भी ज्यादा खराब हो गई थी। मेरी हालत इतनी ज्यादा खराब हो चुकी थी कि डॉक्टर ने मुझसे किडनी ट्रांसप्लांट करवाने के लिए कह दिया था। पर मैं मुझे इस बारे में जानकारी मिल चुकी थी कि ये ऑपरेशन सफल होने के बहुत कम चांस होते हैं, जिसकी वजह से मैंने इसके लिए तुरंत ही इंकार कर दिया और इस बात से समझौता कर लिया कि डायलिसिस ही मेरी जिंदगी है। लेकिन शायद भगवान को कुछ और ही मंजूर था और मैं डॉ. पुनीत धवन से उपचार लेने से ठीक हो गया।

Ayurvedic Kidney Treatment without Dialysis

मुझे शुगर की बीमारी दो कारणों से हुई थी एक तो मुझे मीठा खाना बहुत ज्यादा पसंद था और दूसरा मेरे परिवार में शुगर की बीमारी कई सालों से थी। जब मुझे इस बारे में पता चला कि बाकी घर वालों की तरह मुझे भी शुगर है तो मैंने डॉक्टर की सलाह मानते हेउ अपनी डाइट में मीठे की मात्रा को काफी कम कर दिया। काफी समय तक तो इससे मुझे काफी आराम मिला लेकिन में मैंने शुगर की दवाएं लेनी शुरू कर दी क्योंकि मुझसे मीठे से दूर रह पाना काकी मुश्किल था। दवाओं के साथ-साथ डॉक्टर ने मुझे अपनी डाइट में बदलाव करने की सलाह दी थी लेकिन मैंने ऐसा कुछ नहीं किया जिसके कारण मुझे कुछ ही साल बाद शुगर की दवाओं के साथ इन्सुलिन के इंजेक्शन लेने शुरू करने पड़े थे। मुझे शुगर की दवाएं लेते हुए कुछ ही साल बीते थे और मेरी किडनी खराब होना शुरू हो चुकी थी, क्योंकि मैंने इस दौरान अपने खानपान में कोई खास बदलाव नहीं किये थे।किडनी खराब होने से पहले मुझे शुगर की वजह से होने वाली समस्याएँ होने लगी थी, जैसे कि पेशाब कम और गाढ़ा आना, पैरों में सूजन और कमजोर आँखे। ये समस्याएँ ज्यादा समय के लिए नहीं रहती बल्कि कुछ समय के लिए रहती और फिर अपने आप ठीक भी हो जाती। मैं समय के साथ इन सभी समस्याओं का आदि बन चूका था, लेकिन इन सभी समस्याओं की वजह से मेरा जीवन काफी बिगड़ चूका था।


इतनी सारी समस्याओं के होने के बाद भी मैं अपने स्वास्थ्य पर कोई ध्यान नहीं दे रहा था और यही लापरवाहियां मेरी किडनी खराब होने का कारण भी बनी।खराब होने के दौरान मुझे कई शारीरिक परेशानियाँ होने लगी थी, मुझे अक्सर पेशाब से जुड़ी कोई न कोई दिक्कत रहने लग गई थी, इस दौरान मुझे सबसे पहले पेशाब से जुड़ी समस्याएँ रहने लगी थी। मुझे पहले के मुकाबले कम पेशाब आने लगा था, मेरे पेशाब का रंग बदलने लगा और पेशाब से काफी बदबू भी आने लगी। शरीर के कई हिस्सों में अक्सर सूजन आने लगी थी, खासकर पैरों में आई सूजन के कारण मुझे चलने-फिरने में काफी परेशानी होती थी। इन दिनों मुझे तेज बुखार रहने लगा था और भूख लगातार कम होती जा रही, जिसके कारण मैं काफी कमजोर हो चूका था, दवाओं से भी कोई आराम नहीं मिल रहा था। शुगर लेवल तो पहले से भी ज्यादा हाई होने लगा, जो कि दवाओं और इन्सुलिन के इंजेक्शन लेने से भी काबू में नहीं आ रहा था। दवाएं लेने पर भी इन सभी शारीरिक समस्याओं में रत्ती भर का भी आराम ना मिलने की वजह से मेरी तबियत पहले से और ज्यादा खराब होती जा रही थी। इस दौरान मेरी हालत ऐसी हो चुकी थी कि मुझे अपने हर काम के लिए दूसरे व्यक्ति की सहायता चाहिए होती थी और इसी हालत के कारण डॉक्टर ने मुझे हॉस्पिटल में एडमिट कर लिया।

हॉस्पिटल में एडमिट होने के बाद डॉक्टर ने मेरी हालत को देखते हुए मुझे कई टेस्ट करवाने की सलाह दी। मैंने डॉक्टर के कहने पर सारे टेस्ट करवाए और रिपोर्ट्स आते ही उन्हें डॉक्टर को दिखाया जिन्हें देखने के बाद डॉक्टर ने मुझे बताया कि शुगर की वजह से मेरी किडनी खराब हो गई है। डॉक्टर ने मुझसे कहा कि अब मुझे ठीक होने के लिए डायलिसिस करवाना होगा।मैंने डॉक्टर के कहे अनुसार ठीक होने के लिए डायलिसिस करवाना शुरू कर दिया, जिससे मुझे काफी तकीफ हुई। मुझे जल्द से जल्द इस जानलेवा बीमारी से छुटकारा पाना था, जिसकी वजह से मैंने डायलिसिस के दर्द को सहन करते हुए आगे जारी रखा। ठीक होने की उम्मीद में मैं हर हफ्ते तीन बार डायलिसिस करवाता था जो कि आगे तक़रीबन 4 महीने तक जारी रहा, पर कोई फायदा नहीं मिला उल्टा मेरी हालत और ज्यादा खराब हो गई। जब डायलिसिस करवाने से मेरी तबियत और ज्यादा खराब हो गई तो डॉक्टर ने मुझसे कहा कि अब मुझे किडनी ट्रांसप्लांट करवा लेना चाहिए, मैं इसी से ठीक हो सकता हूँ। मैंने डॉक्टर की ये बात भी मान ली और किडनी ट्रांसप्लांट करवाने के लिए तैयारी करने लगा, लेकिन इस बात का डर भी था कि कहीं ये ऑपरेशन सफल नहीं हुआ तो क्या होगा। इसी बीच मुझे एक दिन मेरे एक दूर के रिश्तेदार मुझसे मिलने आए और उन्होंने मुझे के बार आयुर्वेदिक उपचार लेने की सलाह दी।

मेरे रिश्तेदाए ने मुझे बताया कि दिल्ली में कर्मा आयुर्वेदा हॉस्पिटल है जहाँ बिना डायलिसिस के ही खराब हुई किडनी को ठीक किया जाता है। मैंने अपने रिश्तेदार की बात मान ली और मैं कुछ ही दिनों में कर्मा आयुर्वेदा हॉस्पिटल चला गया जहाँ मेरी मुलाकात डॉ. पुनीत धवन से हुई, मैंने उनको अपनी सारी रिपोर्ट्स दिखाई जिन्हें देखने के बाद उन्होंने मुझे बताया कि मैं जल्द ही ठीक हो जाऊंगा बस समय से आयुर्वेदिक दवाएं लेनी होगी और खाने पीने का खास ख्याल रखना होगा। मैंने घर जाते ही ठीक होने की उम्मीद में डॉ. पुनीत धवन की सभी बात मानते हुए दवाएं लेनी शुरू कर दी और उनका दिया हुआ डाइट प्लान भी फॉलो करना शुरू कर दिया। आयुर्वेदिक दवाएं लेने से मुझे कुछ ही महीनों में अपने अंदर काफी सुधार नज़र आने लगे, पेशाब से जुड़ी समस्याएँ खत्म होने लग और मुझे भूख भी लगने लगी थी। इसके अलावा मेरा शुगर लेवल भी काफी काबू में आने लग गया था जो कि किडनी ठीक होने की सबसे बड़ी निशानी थी।शुगर लेवलकाबू में आने के कारण अब मुझे उल्टियाँ भी आनी बंद हो गई। मुझे महीने भर में ही दर्दनाक डायलिसिस से भी छुटकारा मिल गया जिससे मैं काफी ज्यादा खुश था और मैं कुछ ही महीनों में मेरी खराब हुई किडनी एक दम ठीक हो गई, जिसकी मैं उम्मीद भी छोड़ चूका था। अगर आज मैं जिन्दा हूँ तो केवल डॉ. पुनीत धवन के कारण, नहीं तो एलोपैथीक डॉक्टर मुझे कब का मार चुके होते, अब तो मैं सभी को आयुर्वेदिक दवाएं लेने की सलाह देता हूँ क्योंकि एलोपैथी में किसी भी रोग का उपचार नहीं है।

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